BA Semester-2 Psychology - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2721
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बीए सेमेस्टर-2 मनोविज्ञान - सरब प्रश्नोत्तर

प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।

अथवा
मनोवैज्ञानिक मापन किसे कहते हैं? मनोवैज्ञानिक मापन की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इनके उपयोग पर भी प्रकाश डालिये।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. रेखाचित्र की विशेषताएँ बताइए।
2. रेखाचित्र के महत्व को समझाइए।
3. रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
4. रेखाचित्र की सीमाएँ समझाइए।

उत्तर -

अनुसन्धान अध्ययनों से प्राप्त तथ्यों या आँकड़ों को सजीव बनाने के लिये तथा उनकी प्रकृति को स्पष्ट करने के लिये तथ्यों का प्रदर्शन विभिन्न रेखाचित्रण विधियों की सहायता से किया जाता है। सांख्यिकीय के आँकड़े अंकों के रूप में होते हैं और बहुधा उनकी प्रकृति जटिल होती है जब तथ्यों या आँकड़ों को आवश्यकतानुसार विभिन्न रेखाचित्रण विधियों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तब उनकी प्रकृति अपेक्षाकृत सरल हो जाती है। ग्राफ द्वारा व्यक्त आँकड़ों को व्यक्ति आसानी से समझ लेता है क्योंकि अंकों की अपेक्षा चित्र अधिक सजीव और बोधगम्य होते है। जब तथ्यों या आँकड़ों को ग्राफ बनाने की विभिन्न विधियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तो केवल उपर्युक्त उद्देश्यों की ही पूर्ति नहीं होती है बल्कि रेखाचित्र विधियों की सहायता से आँकड़ों के विश्लेषण तथा अध्ययन सम्बन्धी उद्देश्यों की भी पूर्ति होती है।

रेखाचित्रण का अर्थ
(Meaning of Graphs)

जब दो या दो से अधिक चरों की अथवा एक ही चर के विभिन्न मूल्यों को ग्राफ पर प्रदर्शित किया जाता है तो इस प्रकार बनी आकृति को रेखाचित्र या ग्राफ कहते हैं तथा रेखाचित्र बनाने की विधि को रेखाचित्रण कहते हैं। उदाहरण के लिए भूल भुलैया द्वारा सीखने के प्रयोग में प्रयास और त्रुटि सम्बन्धी आँकड़ों को यदि ग्राफ पेपर पर प्रदर्शित किया जाये तो इस प्रकार बनी आकृति को सीखने की वक्र रेखा कहेंगे।

रेखाचित्रण का महत्व
( Importance of Graphs)

(1) जब सांख्यिकीय आँकड़ों को अंकों के स्थान पर ग्राफ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तो आँकड़ों की प्रकृति को समझना सरल हो जाता है।

(2) ग्राफ द्वारा आँकड़ों को प्रदर्शित करने से आँकड़ों की तुलना सरल हो जाती है। यद्यपि संख्यात्मक आँकड़ों की तुलना भी सरल होती है परन्तु ग्राफ द्वारा प्रदर्शित करने से आँकड़ों की तुलना सरल ही नहीं सजीव भी बन जाती है।

(3) ग्राफ द्वारा प्रदर्शित आँकड़ों की प्रकृति को शीघ्र समझा जा सकता है। अंकों द्वारा अभिव्यक्त आँकड़ों को समझने में अपेक्षाकृत समय अधिक लगता है। अतः ग्राफ द्वारा अभिव्यक्त आँकड़ों को समझने में समय की बचत होती है।

(4) ग्राफ द्वारा प्रदर्शित आँकड़े सरस, रुचिपूर्ण, आकर्षक और प्रभावशाली हो जाते है।

(5) विभिन्न रंगों द्वारा बने ग्राफ अधिक आकर्षक बन जाते है वे सहज ही ध्यान को आकर्षित करते हैं। इस प्रकार के ग्राफ का उपयोग प्रचार (propaganda) और विज्ञापन के क्षेत्र में अधिक हैं।

(6) आँकड़ों को ग्राफ द्वारा स्मरणीय बनाया जाता है।

(7) ग्राफ की सहायता से आँकड़ों से निष्कर्ष सरलता से निकाले जा सकते हैं।

रेखाचित्रण की सीमाएँ
(Limitations of Graphics)

(1) रेखाचित्रों के माध्यम से अभिव्यक्त आँकड़ों की शुद्ध स्थिति का ज्ञान रेखाचित्रों द्वारा हमेशा नहीं हो पाता है। बहुधा इनका उपयोग आँकड़ों की प्रकृति को स्पष्ट करने में ही होता है।

(2) रेखाचित्र किसी न किसी पैमाने (Scale) के आधार पर बनाये जाते है। प्रत्येक अध्ययनकर्ता इन पैमानों को निश्चित नहीं कर सकता है। केवल वही लोग कर सकते हैं जिन्हें अभ्यास हो।

(3) रेखाचित्र जिन पैमानों के आधार पर बनाए जाते हैं यदि इन पैमानों को थोड़ा भी बदल दिया जाए तो कई बार रेखाचित्र का अर्थ भी बदल जाता है।

(4) विशिष्ट प्रकार के रेखाचित्र साधारण व्यक्तियों की समझ से बाहर होते हैं। साधारण व्यक्ति ऐसे रेखाचित्रों का भ्रान्तिपूर्ण अर्थ लगाते है।

(5) आँकड़ों के निष्कर्ष के रूप में रेखाचित्रों का उपयोग नहीं किया जा सकता है।

रेखाचित्रों की विशेषताएँ
(Characteristics of Graphics)

यहाँ नीचे विशेषताओं का उल्लेख किया गया है जो रेखाचित्र बनाते समय प्रत्येक अध्ययनकर्ता को ध्यान में रखना चाहिए —

(1) X-अक्ष पर स्वतन्त्र चर (Independent Variable) को प्रदर्शित करना चाहिए तथा Y-अक्ष पर परतन्त्र चर (Dependent Variable) प्रदर्शित करना चाहिए।

(2) बने हुए ग्राफ की X- क्ष Y-अक्ष की अपेक्षा बड़ी होनी चाहिए।

(3) रेखाचित्र का नामांकन करना चाहिए तथा रेखाचित्र के साथ में पैमाना भी बना होना चाहिए। (4) रेखाचित्र आकर्षक होना चाहिए। इसे सार्थक और प्रभावशाली बनाना चाहिए।

(5) बने हुए रेखाचित्र की माप सही होनी चाहिए।

(6) एक अंक सामग्री की प्रकृति को स्पष्ट करने के लिए जो आवश्यक रेखाचित्र हो, उसी को बनाना चाहिए।

रेखाचित्र के अक्ष
(Axis of Graphics)

प्रायः रेखाचित्र जिन दो अक्षों (Axis) अक्षों के मध्य बनाया जाता है उन्हें Co-ordinate axis कहते हैं। इन दो अक्षों में से एक क्षैतिज रेखा (Horizontal line) होती है जिसे X-axis कहते हैं। दूसरी उदग्र रेखा (Vertical line) को Y-axis कहते हैं। जिस बिन्दु पर वह दोनों अक्ष मिलते हैं। उसको उद्गम स्थान ( Point of origin) कहते हैं। X-axis और Y-axis से चार Quadrants बनते हैं। प्रत्येक Quadrants में X-अक्ष और Y-अक्ष के धनात्मक और ऋणात्मक मूल्यों का भी प्रदर्शन होता है।

 

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मनोविज्ञान और शिक्षा से सम्बन्धित सांख्यिकी में जो ग्राफ बनाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश ग्राफ X-axis से सम्बन्धित होते हैं। इस A-Quadrant में X- अक्ष और Y-अक्ष दोनों के धनात्मक मूल्य होते हैं। ग्राफ में X- अक्ष की लम्बाई Y - अक्ष की लम्बाई 4 3 का अनुपात होना चाहिए। ग्राफ का पैमाना मानते समय इस अनुपात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। इस अनुपात को बनाए रखने में यदि पैमाना मानने में कठिनाई हो तो इस अनुपात में थोड़ी ढील दी जा सकती है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- मापन के प्रमुख कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- मापनी से आपका क्या तात्पर्य है? मापनी की प्रमुख विधियों का उल्लेख कीजिये।
  3. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिये।
  4. प्रश्न- मापन का अर्थ एवं परिभाषा बताते हुए इसकी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।'
  5. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन को स्पष्ट करते हुए मापन के गुणों का उल्लेख कीजिए तथा मनोवैज्ञानिक मापन एवं भौतिक मापन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- मापन की जीवन में नितान्त आवश्यकता है, इस कथन की पुष्टि कीजिए।
  8. प्रश्न- मापन के महत्व पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- मनोविज्ञान को विज्ञान के रूप में कैसे परिभाषित कर सकते है? स्पष्ट कीजिए।
  12. प्रश्न- प्रायोगिक विधि को परिभाषित कीजिए तथा इसके सोपानों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अवलोकन किसे कहते हैं? अवलोकन का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा अवलोकन पद्धति की विशेषताएँ बताइए।
  15. प्रश्न- अवलोकन के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  16. प्रश्न- चरों के प्रकार तथा चरों के रूपों का आपस में सम्बन्ध बताते हुए चरों के नियंत्रण पर प्रकाश डालिए।
  17. प्रश्न- परिकल्पना या उपकल्पना से आप क्या समझते हैं? परिकल्पना कितने प्रकार की होती है।
  18. प्रश्न- जनसंख्या की परिभाषा दीजिए। इसके प्रकारों का विवेचन कीजिए।
  19. प्रश्न- वैज्ञानिक प्रतिदर्श की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  21. प्रश्न- उपकल्पनाएँ कितनी प्रकार की होती हैं?
  22. प्रश्न- अवलोकन का महत्व बताइए।
  23. प्रश्न- पक्षपात पूर्ण प्रतिदर्श क्या है? इसके क्या कारण होते हैं?
  24. प्रश्न- प्रतिदर्श या प्रतिचयन के उद्देश्य बताइये।
  25. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  26. उत्तरमाला
  27. प्रश्न- वर्णनात्मक सांख्यिकीय से आप क्या समझते हैं? इस विधि का व्यवहारिक जीवन में क्या महत्व है? समझाइए।
  28. प्रश्न- मध्यमान से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों तथा उपयोग की विवेचना कीजिये।
  29. प्रश्न- मध्यांक की परिभाषा दीजिये। इसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिये।
  30. प्रश्न- बहुलांक से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोष तथा उपयोग की विवेचना करें।
  31. प्रश्न- चतुर्थांक विचलन से आप क्या समझते हैं? इसके गुण-दोषों की व्याख्या करें।
  32. प्रश्न- मानक विचलन से आप क्या समझते है? मानक विचलन की गणना के सोपान बताइए।
  33. प्रश्न- रेखाचित्र के अर्थ को स्पष्ट करते हुए उसके महत्व, सीमाएँ एवं विशेषताओं का भी उल्लेख कीजिए।
  34. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज के अर्थ को स्पष्ट करते हुए रेखाचित्र की सहायता से इसके महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- संचयी प्रतिशत वक्र या तोरण किसे कहते हैं? इससे क्या लाभ है? उदाहरण की सहायता से इसकी पद रचना समझाइए।
  36. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के माप से क्या समझते हैं?
  37. प्रश्न- केन्द्रीय प्रवृत्ति के उद्देश्य बताइए।
  38. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  39. प्रश्न- मध्यांक की गणना कीजिए।
  40. प्रश्न- विचलनशीलता का अर्थ बताइए।
  41. प्रश्न- प्रसार से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- प्रसरण से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- विचलन गुणांक की संक्षिप्त व्याख्या करें।
  44. प्रश्न- आवृत्ति बहुभुज और स्तम्भाकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- तोरण वक्र और संचयी आवृत्ति वक्र में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- स्तम्भाकृति (Histogram) और स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- स्तम्भ रेखाचित्र (Bar Diagram) किसे कहते हैं?
  48. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यांक की गणना कीजिए।
  49. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के बहुलांक की गणना कीजिए।
  50. प्रश्न- निम्नलिखित व्यवस्थित प्राप्तांकों के मध्यमान की गणना कीजिए।
  51. प्रश्न- निम्न आँकड़ों से माध्यिका ज्ञात कीजिए :
  52. प्रश्न- निम्नलिखित आँकड़ों का मध्यमान ज्ञात कीजिए :
  53. प्रश्न- अग्रलिखित आँकड़ों से मध्यमान ज्ञात कीजिए।
  54. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  55. उत्तरमाला
  56. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र से क्या समझते हैं? इसके स्वरूप का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- कुकुदता से आप क्या समझते हैं? यह वैषम्य से कैसे भिन्न है?
  58. प्रश्न- सामान्य संभावना वक्र के उपयोग बताइये।
  59. प्रश्न- एक प्रसामान्य वितरण का मध्यमान 16 है तथा मानक विचलन 4 है। यह बताइये कि मध्य 75% केसेज किन सीमाओं के मध्य होंगे?
  60. प्रश्न- किसी वितरण से सम्बन्धित सूचनायें निम्नलिखित हैं :-माध्य = 11.35, प्रमाप विचलन = 3.03, N = 120 । वितरण में प्रसामान्यता की कल्पना करते हुए बताइये कि प्रप्तांक 9 तथा 17 के बीच कितने प्रतिशत केसेज पड़ते हैं?-
  61. प्रश्न- 'टी' परीक्षण क्या है? इसका प्रयोग हम क्यों करते हैं?
  62. प्रश्न- निम्नलिखित समूहों के आँकड़ों से टी-टेस्ट की गणना कीजिए और बताइये कि परिणाम अमान्य परिकल्पना का खण्डन करते हैं या नहीं -
  63. प्रश्न- सामान्य संभाव्यता वक्र की विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- एक वितरण का मध्यमान 40 तथा SD 3.42 है। गणना के आधार पर बताइये कि 42 से 46 प्राप्तांक वाले विद्यार्थी कितने प्रतिशत होंगे?
  65. प्रश्न- प्रायिकता के प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
  66. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  67. उत्तरमाला
  68. प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  70. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक गणना की प्रोडक्ट मोमेन्ट विधियों का वर्णन कीजिए। कल्पित मध्यमान विधि का उदाहरण देकर वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- उदाहरण की सहायता से वास्तविक मध्यमान विधि की व्याख्या कीजिए।
  72. प्रश्न- काई वर्ग परीक्षण किसे कहते हैं?
  73. प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
  74. प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
  75. प्रश्न- जब ED2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
  76. प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
  77. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  78. उत्तरमाला
  79. प्रश्न- परीक्षण से आप क्या समझते हैं? परीक्षण की विशेषताओं एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- परीक्षण रचना के सामान्य सिद्धान्तों, विशेषताओं तथा चरणों का वर्णन कीजिये।
  81. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता से आप क्या समझते हैं? विश्वसनीयता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  82. प्रश्न- किसी परीक्षण की वैधता से आप क्या समझते हैं? वैधता ज्ञात करने की विधियों का वर्णन कीजिये।
  83. प्रश्न- पद विश्लेषण से आप क्या समझते हैं? पद विश्लेषण के क्या उद्देश्य हैं? इसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  84. प्रश्न- किसी परीक्षण की विश्वसनीयता किन रूपों में मापी जाती है? विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिये।
  85. प्रश्न- "किसी कसौटी के साथ परीक्षण का सहसम्बन्ध ही वैधता है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  86. प्रश्न- मानकीकरण से आप क्या समझते हैं? इनकी क्या विशेषतायें हैं? मानकीकरण की प्रक्रिया विधि की विवेचना कीजिये।
  87. प्रश्न- मनोवैज्ञानिक मापन एवं मनोवैज्ञानिक परीक्षण में अन्तर बताइए।
  88. प्रश्न- परीक्षण फलांकों (Test Scores) की व्याख्या से क्या तात्पर्य है?
  89. प्रश्न- परीक्षण के प्रकार बताइये।
  90. प्रश्न- पद विश्लेषण की समस्याएँ बताइये।
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. प्रश्न- बुद्धि के अर्थ को स्पष्ट करते हुए बुद्धि के प्रकारों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  95. प्रश्न- वेक्सलर बुद्धि मापनी का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- वेक्सलर द्वारा निर्मित बच्चों की बुद्धि मापने के लिए किन-किन मापनियों का निर्माण किया गया है? व्याख्या कीजिए।
  97. प्रश्न- कैटेल द्वारा प्रतिपादित सांस्कृतिक मुक्त परीक्षण की व्याख्या कीजिए।
  98. प्रश्न- आयु- मापदण्ड (Age Scale) एवं बिन्दु - मापदण्ड (Point Scale) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  99. प्रश्न- बुद्धि लब्धि को कैसे ज्ञात किया जाता है?
  100. प्रश्न- बुद्धि और अभिक्षमता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  101. प्रश्न- वेक्सलर मापनियों के नैदानिक उपयोग की व्याख्या कीजिए।
  102. प्रश्न- वेक्सलर मापनी की मूल्यांकित व्याख्या कीजिए।
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. प्रश्न- व्यक्तिगत आविष्कारिका क्या है? कैटेल द्वारा प्रतिपादित सोलह ( 16 P. F) व्यक्तित्व-कारक प्रश्नावली व्यक्तित्व मापन में किस प्रकार सहायक है?
  106. प्रश्न- प्रक्षेपण विधियाँ क्या हैं? यह किस प्रकार व्यक्तित्व माप में सहायक हैं?
  107. प्रश्न- प्रेक्षणात्मक विधियाँ (Observational methods) किसे कहते हैं?
  108. प्रश्न- व्यक्तित्व मापन में किन-किन विधियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है?
  109. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  110. उत्तरमाला

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